राजेन्द्र सिंह ने अपनी पत्नी किरण को उसके एक मित्र वासुदेव के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा, ससुराल वालों से शिकायत करने पर उलटे राजेन्द्र को ही दहेज प्रताड़ना के झूठे मुक़दमे में फंसाने की धमकी दी जाने लगी, जिससे प्रताड़ित हो राजेन्द्र ने आत्मदाह कर लिया।
सुसाईड नोट:
अलविदा आत्मीय मित्रों! आप सभी का आभार! आज मैं राजेन्द्रसिंह पुत्र श्री केशरसिंह राजपुरोहित निवासी -जवाली, जिला- पाली राजस्थान अपनी जीवन के सत्य को आप सबके बीच सुसाइड नोट में संक्षेप में प्रस्तुत कर रहा हुं।
मैंने दिनांक 21/05/2018 को दोपहर एक बजे अपनी पत्नी किरण कंवर पुत्री तेजसिंह राजपुरोहित दोरनड़ी को वासुदेव वैष्णव पुत्र पन्नादास वैष्णव निवासी दोरनड़ी के साथ दोनों को एक दूसरे के साथ निजी अंगों को सहलाते हुए प्रत्यक्ष देख लिया। अचानक मेरे कमरे में जाने से दोनों घबराकर अलग हो गये, व वासुदेव वैष्णव (जो कि पेप्सी खरीदने को आया था) तुरन्त बाहर भाग गया। मेरी पत्नी के इस स्वरुप की मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। जिससे भयंकर दुखी होकर मुझे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। मैने यह बात अपने सास ससुर(उमराव कंवर व तेजसिंहजी को बताई। इस पर उन्होनें व पत्नी किरण कंवर,मेरे काका ससुर नेमसिंह,काका ससुर चैनसिंह,साला नरेन्द्र गोविन्दसिंह,उसकी पत्नी अल्का,(मेरे साले) मदनसिंह की बहू नत्थु कंवर,मदनसिंह की बेटी पूनम कंवर ने मुझे बुरी तरह से धमकाया व दहेज प्रताड़ना के झूठे मुकदमे में मुझे व मेरे माता पिता को फंसाने व आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया।
इन लोगों ने मुझे बेहद भयभीत कर दिया। चूँकी मैं गायत्री उपासक हुं व सत्यप्रिय प्रकृति का हुं। अतः मैंने अपने आप को जिन्दा जलाने का संकल्प किया। आज मैं मजबूर होकर दोरनडी़ गांव तहसील सोजत जिला पाली में आत्महत्या कर रहा हु, जिसके मुख्य जिम्मेदार वासुदेव वैष्णव, मेरी पत्नी किरण कंवर, सास ससुर(उमराव कंवर व तेजसिंहजी,मेरे काका ससुर नेमसिंह,काका ससुर चैनसिंह,साला नरेन्द्रसिंह पुत्र श्री केसरसिंह,साला गोविन्दसिंह, उसकी पत्नी अल्का, (मेरे साले) मदनसिंह की बहू नत्थु कंवर,मदनसिंह की बेटी पूनम कंवर(भाग्य श्री) है। कानून इनकों सख्त से सख्त सजा दे।इन लोगों ने मुझे मेरे माता पिता व मेरी प्यारी सी बेटी हरिप्रिया से सदा के लिए बिछड़ा दिया। भगवान इनको कभी माफ नही करेगा। मेरी बेटी को शांतिकुन्ज हरिद्वार परम श्रद्धेया शैल जीजी के पास भेज दे। मेरी बेटी इन दुष्टों के पास कभी सुरक्षित नही रहेगी।
सबूत के रुप में मेरी पत्नी द्वारा अपनी गलती स्वीकारने कि कोल रिकार्ड़िंग मैने अपलोड की है।
भगवान ऐसी झूठी और धोखेबाज औरत किसी को ना दे।
पुलिस अफसर वासुदेव वैष्णव व मेरी पत्नी से कड़ी पूछताछ करे, एवं सख्त से सख्त सजा दे।
मेरे माता पिता को आखिरी प्रणाम, मेरी बेटी ही मैं हुं, उसका पूरा ख्याल रखना। "सत्य में हजार हाथियों का बल होता है।"
नोट1: मेरी डेड बॉडी का अंतिम संस्कार मेरी बेटी व मेरे माता पिता से करवाये।
नोट2: मेरी बाइक RJ22BS7454, जीवन बीमा क्लेम राशि,मेरे खातों की जमा राशि,चल अचल संपत्ति मेरी बेटी हरिप्रिया के नाम करे। मेरी पत्नी को किसी प्रकार कि धनराशि एवं चल अचल संपत्ति में हिस्सा ना दे।
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