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Writer's pictureAnupam Dubey

वाराणसी में प्रताड़ित पतियों ने वैवाहिक जीवन का किया पिंडदान - जागरण


बाबा भोले की नगरी में अपनी-अपनी पत्नी से काफी प्रताडि़त लोगों ने कल अनोखा कारनामा किया। पत्नी से प्रताडि़त इन सभी पतियों ने वैवाहिक जीवन का पिंडदान करने के साथ ही पिशाचिनी मुक्ति पूजा की।

मलदहिया में एक होटल के सभागार में सेव इंडियन फैमिली के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान यह कार्य किया गया। यहां पर पूजा के माध्यम से पुरुषों को कुटिल महिलाओं के फर्जी मुकदमों से बचाने की प्रार्थना की गई। इसके साथ ही यह भी कामना की गई कि सरकार व न्याय व्यवस्था इनके प्रभाव से बाहर आकर पुरुषों के दुख-दर्द को भी देख सके।

अपनी निजी जिंदगी में ऐसी महिलाओं के जाल से खुद को बचा पाने वाले पुरुष अधिकार के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने मणिकर्णिका घाट जाकर अपने वैवाहिक जीवन का अंतिम संस्कार भी किया। इस दौरान पुरुषों के अधिकारों के समर्थन में महिलाओं ने भी आवाज बुलंद की। अधिवेशन में पुरुषों के वैवाहिक जीवन, कानून, न्याय, स्वास्थ्य, प्रजनन, गोद लेने के अधिकार सहित संपत्ति अधिकार जैसे विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित हुई। साथ ही भविष्य के पुरुष अधिकार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया।

आयोजन सचिव अनुपम दुबे ने नेशनल हेल्पलाइन नंबर 8882498498 के बारे में जागरुकता फैलाने पर बल दिया। कहा एक तरह जहां भारतीय समाज इस भ्रम में जी रहा है कि पुरुषों को सहायता की कोई जरूरत नहीं। वहीं उन पर महिलाओं से काफी संख्या में फर्जी मुकदमों की बाढ़ सी आ गई है। सम्मेलन में वरिष्ठ पुरुष अधिकार कार्यकर्ता निलाद्री दास, वास्तव फाउंडेशन-मुंबई के संस्थापक अमित देशपांडे, मैन वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी अतिम लखानी आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान सुरेश राम-चेन्नई, टीआर पार्था-हैदराबाद, अभय-कोलकाता, रोहित डोगरा-पंजाब, दिलीप सरकार-त्रिपुरा, डा. विवेक अ्रग्रवाल-बरेली, डा. सुमंत जैन-भोपाल आदि थे।

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