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प्रेमी के साथ मिलकर आठ साल के बेटे की हत्या, चंबल में किया दफन, मिला कंकाल


 

प्रेमी के साथ मिलकर आठ साल के बेटे की हत्या, चंबल में किया दफन, मिला कंकाल

 
प्रेमी के साथ मिलकर आठ साल के बेटे की हत्या, चंबल में किया दफन, मिला कंकाल

दस दिन पहले मोतीझील से लापता मासूम का कंकाल सोमवार को मडराल, चंबल के बीहड़ों में दफन मिला है। नादान की किसी से दुश्मनी नहीं थी, बल्कि प्रेमी के साथ ऐश की जिदंगी गुजारने की प्लानिंग में मां ने बेटे की जान का सौदा किया है। इसलिए बेटे को मौत के घाट उतारने के बाद महिला जेठ और उनके परिवार पर बेटे को अगवा करने का शक जाहिर कर परिवार और पुलिस को ९ दिन तक गुमराह करती रही। सोमवार को उसकी हैवानियत का राजफाश हो गया।

पुलिस ने बताया मोतीझील कॉलोनी निवासी विनीत पुत्र धर्मेन्द्र शर्मा (8) की हत्या हो गई। उसकी जान लेने की मास्टरमाइंड उसकी मां सपना शर्मा है। सपना ने प्रेमी संदीप जाटव निवासी मुरैना के साथ मिलकर हैवानियत का खेल खेला है। क्योंकि सपना और संदीप के बीच पुराना इश्क है। लेकिन दोनों की अय्याशी में जेठ अरविंद शर्मा रोड़ा बन रहे थे। क्योंकि अरविंद का मकान धर्मेन्द्र के घर से सटा है। छोटे भाई के घर आने जाने वालों पर उनकी नजर रहती है। सपना का प्लान पुश्तैनी मकान को बेचकर प्रेमी संदीप के साथ जिदंगी गुजारने का था लेकिन ससुराल में रहकर तमन्ना पूरी नहीं कर सकती थी।

इसलिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर जेठ अरविंद को फंसाने का प्लान बनाया। इसमें अपने ही मासूम बेटे की जान का सौदा किया। साजिश के तहत 13 जुलाई को सपना ने संदीप को मोतीझील पर बुलाया। खुद बेटे को ले जाकर उसके हवाले कर घर लौट आई। संदीप मासूम को मुरैना ले गया। रात भर उसे जौरा में ठिकाने पर रखा। सुबह दोस्त कुलदीप सिकरवार, फिरोज खां के साथ मडराल, चंबल के बीहड़ों में ले जाकर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। तीनों ने गड्ढा खोदकर मासूम का शव वहीं दफन कर सपना को फोन कर बताया कि बेटे का काम तमाम कर दिया है।

अगवा का किया नाटक

पुलिस के मुताबिक प्रेमी ने बेटे की हत्या कर दी है पता चलने के बाद सपना ने बेटे को अगवा करने का नाटक कर घर में हंगामा किया। पुलिस से कहा कि जेठ अरविंद और उनके बेटे उसे घर से भगाना चाहते हैं इन्हीं लोगों ने उसके बेटे को अगवा किया है, उसे शक है कि उसके बेटे को मार डालेंगे। करीब ८ दिन तक पुलिस सपना की कहानी में उलझी रही।

ऐसे खुला राज

पुलिस के मुताबिक सपना के मायके पक्ष के कुछ लोगों ने भी विनीत को अगवा करने में संदीप पर शक जाहिर किया। तो सपना और संदीप के फोन की डिटेल खंगाली। दोनों लगातार संपर्क में थे। सपना को राउंडअप कर इंट्रोगेट किया तो उसने बेटे की हत्या का राज उगल दिया। उसके इशारे पर हत्यारे संदीप, फिरोज और कुलदीप को भी पकड़ा। हत्यारों से चोरी की बंदूक भी बरामद की है।

बेटे के नाम मकान से बौखलाई थी सपना

अरविंद शर्मा ने बताया उनके छोटे भाई धर्मेन्द्र को लकवा लगा है। इसका फायदा उठाकर बहू सपना का आशिक संदीप उनके घर आता जाता था। एक साल पहले उसे सपना के साथ आपत्तीजनक हालत में रंगे हाथ पकड़ा था। दोनों इसका बदला लेने की फिराक में थे। सपना का प्लान ससुराल का पुश्तैनी मकान बेचकर संदीप के जिदंगी गुजारने का था लेकिन पिता ने धर्मेन्द्र के हिस्से का मकान पोते विनीत के नाम कर दिया सपना लगा अब वह मकान नहीं बेच सकेगी। इसलिए बेटे की हत्या कर उन्हें फंसाने की कोशिश की।

चुराई बंदूक

अरविंद के मुताबिक धर्मेन्द्र के घर में पुश्तैनी बक्सा रखा है। इसमें पुरखों का सामान और पिता की लाइसेंसी ३१५ बोर बंदूक थी। सपना ने मकान के दस्तावेज तलाशने की कोशिश में बक्से का ताला तोड़कर खंगाला। दस्तावेज तो उसे नहीं मिले। ससुर की बंदूक मिली। वह भी प्रेमी को दे दी।

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